संज्ञा के
विकारक तत्व
जिन तत्वों के आधार पर संज्ञा (संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण) का
रूपांतर होता है वे विकारक तत्व कहलाते हैं।
वाक्य में शब्दों की स्थिति के आधार पर ही उनमें विकार आते हैं। यह विकार लिंग, वचन और कारक के कारण ही होता है। जैसे-लड़का शब्द के चारों रूप- 1.लड़का, 2.लड़के, 3.लड़कों, 4.लड़को-केवल वचन और कारकों के कारण बनते हैं।
लिंग- जिस चिह्न से यह बोध होता हो कि अमुक शब्द पुरुष जाति का है अथवा स्त्री जाति का वह लिंग कहलाता है।
परिभाषा- शब्द के जिस रूप से किसी व्यक्ति, वस्तु आदि के पुरुष जाति अथवा स्त्री जाति के होने का ज्ञान हो उसे लिंग कहते हैं। जैसे-लड़का, लड़की, नर, नारी आदि। इनमें ‘लड़का’ और ‘नर’ पुल्लिंग तथा लड़की और ‘नारी’ स्त्रीलिंग हैं।
हिन्दी में लिंग के दो भेद हैं-
1. पुल्लिंग।
2. स्त्रीलिंग।
वाक्य में शब्दों की स्थिति के आधार पर ही उनमें विकार आते हैं। यह विकार लिंग, वचन और कारक के कारण ही होता है। जैसे-लड़का शब्द के चारों रूप- 1.लड़का, 2.लड़के, 3.लड़कों, 4.लड़को-केवल वचन और कारकों के कारण बनते हैं।
लिंग- जिस चिह्न से यह बोध होता हो कि अमुक शब्द पुरुष जाति का है अथवा स्त्री जाति का वह लिंग कहलाता है।
परिभाषा- शब्द के जिस रूप से किसी व्यक्ति, वस्तु आदि के पुरुष जाति अथवा स्त्री जाति के होने का ज्ञान हो उसे लिंग कहते हैं। जैसे-लड़का, लड़की, नर, नारी आदि। इनमें ‘लड़का’ और ‘नर’ पुल्लिंग तथा लड़की और ‘नारी’ स्त्रीलिंग हैं।
हिन्दी में लिंग के दो भेद हैं-
1. पुल्लिंग।
2. स्त्रीलिंग।
1. पुल्लिंग
जिन संज्ञा शब्दों से पुरुष जाति का बोध हो अथवा जो शब्द
पुरुष जाति के अंतर्गत माने जाते हैं वे पुल्लिंग हैं। जैसे-कुत्ता, लड़का, पेड़, सिंह, बैल, घर आदि।
2. स्त्रीलिंग
जिन संज्ञा शब्दों से स्त्री जाति का बोध हो अथवा जो शब्द
स्त्री जाति के अंतर्गत माने जाते हैं वे स्त्रीलिंग हैं। जैसे-गाय, घड़ी, लड़की, कुरसी, छड़ी, नारी आदि।
पुल्लिंग की
पहचान
1. आ, आव, पा, पन न ये प्रत्यय जिन शब्दों के अंत में हों वे
प्रायः पुल्लिंग होते हैं। जैसे- मोटा, चढ़ाव, बुढ़ापा, लड़कपन
लेन-देन।
2. पर्वत, मास, वार और कुछ ग्रहों के नाम पुल्लिंग होते हैं जैसे-विंध्याचल, हिमालय, वैशाख, सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, राहु, केतु (ग्रह)।
3. पेड़ों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे-पीपल, नीम, आम, शीशम, सागौन, जामुन, बरगद आदि।
4. अनाजों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे-बाजरा, गेहूँ, चावल, चना, मटर, जौ, उड़द आदि।
5. द्रव पदार्थों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे-पानी, सोना, ताँबा, लोहा, घी, तेल आदि।
6. रत्नों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे-हीरा, पन्ना, मूँगा, मोती माणिक आदि।
7. देह के अवयवों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे-सिर, मस्तक, दाँत, मुख, कान, गला, हाथ, पाँव, होंठ, तालु, नख, रोम आदि।
8. जल, स्थान और भूमंडल के भागों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे-समुद्र, भारत, देश, नगर, द्वीप, आकाश, पाताल, घर, सरोवर आदि।
9. वर्णमाला के अनेक अक्षरों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे-अ,उ,ए,ओ,क,ख,ग,घ, च,छ,य,र,ल,व,श आदि।
2. पर्वत, मास, वार और कुछ ग्रहों के नाम पुल्लिंग होते हैं जैसे-विंध्याचल, हिमालय, वैशाख, सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, राहु, केतु (ग्रह)।
3. पेड़ों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे-पीपल, नीम, आम, शीशम, सागौन, जामुन, बरगद आदि।
4. अनाजों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे-बाजरा, गेहूँ, चावल, चना, मटर, जौ, उड़द आदि।
5. द्रव पदार्थों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे-पानी, सोना, ताँबा, लोहा, घी, तेल आदि।
6. रत्नों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे-हीरा, पन्ना, मूँगा, मोती माणिक आदि।
7. देह के अवयवों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे-सिर, मस्तक, दाँत, मुख, कान, गला, हाथ, पाँव, होंठ, तालु, नख, रोम आदि।
8. जल, स्थान और भूमंडल के भागों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे-समुद्र, भारत, देश, नगर, द्वीप, आकाश, पाताल, घर, सरोवर आदि।
9. वर्णमाला के अनेक अक्षरों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे-अ,उ,ए,ओ,क,ख,ग,घ, च,छ,य,र,ल,व,श आदि।
स्त्रीलिंग की
पहचान
1. जिन संज्ञा
शब्दों के अंत में ख होते है, वे स्त्रीलिंग
कहलाते हैं। जैसे-ईख, भूख, चोख, राख, कोख, लाख, देखरेख आदि।
2. जिन भाववाचक संज्ञाओं के अंत में ट, वट, या हट होता है, वे स्त्रीलिंग कहलाती हैं। जैसे-झंझट, आहट, चिकनाहट, बनावट, सजावट आदि।
3. अनुस्वारांत, ईकारांत, ऊकारांत, तकारांत, सकारांत संज्ञाएँ स्त्रीलिंग कहलाती है। जैसे-रोटी, टोपी, नदी, चिट्ठी, उदासी, रात, बात, छत, भीत, लू, बालू, दारू, सरसों, खड़ाऊँ, प्यास, वास, साँस आदि।
4. भाषा, बोली और लिपियों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे-हिन्दी, संस्कृत, देवनागरी, पहाड़ी, तेलुगु पंजाबी गुरुमुखी।
5. जिन शब्दों के अंत में इया आता है वे स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे-कुटिया, खटिया, चिड़िया आदि।
6. नदियों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे-गंगा, यमुना, गोदावरी, सरस्वती आदि।
7. तारीखों और तिथियों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे-पहली, दूसरी, प्रतिपदा, पूर्णिमा आदि।
8. पृथ्वी ग्रह स्त्रीलिंग होते हैं।
9. नक्षत्रों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे-अश्विनी, भरणी, रोहिणी आदि।
2. जिन भाववाचक संज्ञाओं के अंत में ट, वट, या हट होता है, वे स्त्रीलिंग कहलाती हैं। जैसे-झंझट, आहट, चिकनाहट, बनावट, सजावट आदि।
3. अनुस्वारांत, ईकारांत, ऊकारांत, तकारांत, सकारांत संज्ञाएँ स्त्रीलिंग कहलाती है। जैसे-रोटी, टोपी, नदी, चिट्ठी, उदासी, रात, बात, छत, भीत, लू, बालू, दारू, सरसों, खड़ाऊँ, प्यास, वास, साँस आदि।
4. भाषा, बोली और लिपियों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे-हिन्दी, संस्कृत, देवनागरी, पहाड़ी, तेलुगु पंजाबी गुरुमुखी।
5. जिन शब्दों के अंत में इया आता है वे स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे-कुटिया, खटिया, चिड़िया आदि।
6. नदियों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे-गंगा, यमुना, गोदावरी, सरस्वती आदि।
7. तारीखों और तिथियों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे-पहली, दूसरी, प्रतिपदा, पूर्णिमा आदि।
8. पृथ्वी ग्रह स्त्रीलिंग होते हैं।
9. नक्षत्रों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे-अश्विनी, भरणी, रोहिणी आदि।
शब्दों का
लिंग-परिवर्तन
प्रत्यय
|
पुल्लिंग
|
स्त्रीलिंग
|
ई
|
घोड़ा
|
घोड़ी
|
देव
|
देवी
|
|
दादा
|
दादी
|
|
लड़का
|
लड़की
|
|
ब्राह्मण
|
ब्राह्मणी
|
|
नर
|
नारी
|
|
बकरा
|
बकरी
|
|
इया
|
चूहा
|
चुहिया
|
चिड़ा
|
चिड़िया
|
|
बेटा
|
बिटिया
|
|
गुड्डा
|
गुड़िया
|
|
लोटा
|
लुटिया
|
|
इन
|
माली
|
मालिन
|
कहार
|
कहारिन
|
|
सुनार
|
सुनारिन
|
|
लुहार
|
लुहारिन
|
|
धोबी
|
धोबिन
|
|
नी
|
मोर
|
मोरनी
|
हाथी
|
हाथिन
|
|
सिंह
|
सिंहनी
|
|
आनी
|
नौकर
|
नौकरानी
|
चौधरी
|
चौधरानी
|
|
देवर
|
देवरानी
|
|
सेठ
|
सेठानी
|
|
जेठ
|
जेठानी
|
|
आइन
|
पंडित
|
पंडिताइन
|
ठाकुर
|
ठाकुराइन
|
|
आ
|
बाल
|
बाला
|
सुत
|
सुता
|
|
छात्र
|
छात्रा
|
|
शिष्य
|
शिष्या
|
|
अक को इका करके
|
पाठक
|
पाठिका
|
अध्यापक
|
अध्यापिका
|
|
बालक
|
बालिका
|
|
लेखक
|
लेखिका
|
|
सेवक
|
सेविका
|
|
इनी (इणी)
|
तपस्वी
|
तपस्विनी
|
हितकारी
|
हितकारिनी
|
|
स्वामी
|
स्वामिनी
|
|
परोपकारी
|
परोपकारिनी
|
कुछ विशेष शब्द जो स्त्रीलिंग में बिलकुल ही बदल जाते हैं।
पुल्लिंग
|
स्त्रीलिंग
|
पिता
|
माता
|
भाई
|
भाभी
|
नर
|
मादा
|
राजा
|
रानी
|
ससुर
|
सास
|
सम्राट
|
सम्राज्ञी
|
पुरुष
|
स्त्री
|
बैल
|
गाय
|
युवक
|
युवती
|
विशेष वक्तव्य - जो प्राणिवाचक सदा शब्द ही स्त्रीलिंग हैं अथवा जो सदा ही पुल्लिंग हैं उनके पुल्लिंग अथवा स्त्रीलिंग जताने के लिए उनके साथ ‘नर’ व ‘मादा’ शब्द लगा देते हैं। जैसे-
स्त्रीलिंग
|
पुल्लिंग
|
मक्खी
|
नर मक्खी
|
कोयल
|
नर कोयल
|
गिलहरी
|
नर गिलहरी
|
मैना
|
नर मैना
|
तितली
|
नर तितली
|
बाज
|
मादा बाज
|
खटमल
|
मादा खटमल
|
चील
|
नर चील
|
कछुआ
|
नर कछुआ
|
कौआ
|
नर कौआ
|
भेड़िया
|
मादा भेड़िया
|
उल्लू
|
मादा उल्लू
|
मच्छर
|
मादा मच्छर
|
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