Thursday 27 October 2016

अलंकार alankar

अलंकार - काव्य की शोभा बढाने वाले शब्दों को अलंकार कहते हैं।
जिस प्रकार नारी के सौंदर्य को बढाने के लिए आभूषण होते हैं,उसी प्रकार काव्य की शोभा बढ़ाने वाले तथा उसके शब्दों एवं अर्थों की सुन्दरता में वृद्धि करके चमत्कार उत्पन्न करने वाले कारकों को अलंकार कहते हैं।
अलंकार के मुख्यतः दो भेद माने जाते हैं

1-शब्दालंकार

2-अर्थालंकार

1-शब्दालंकार (Shabdalankar)

क)    अनुप्रास अलंकार(Anupras) (Alliteration) 
ख)   यमक अलंकार(Yamak) (Homonym) 
ग)    श्लेष अलंकार(Shlesh) (Pun)

2-अर्थालंकार (Arthalankar) 

क)    उपमा अलंकार (Upma) (Simile) 
ख)   रूपक अलंकार(Rupak) (Metaphor) 
ग)    उत्प्रेक्षा अलंकार(Atishyokti) (Hyperbole) 
घ)    उपमेयोपमा अलंकार
ङ)    अतिशयोक्ति अलंकार(Atishyokti) (Hyperbole) 
च)    उल्लेख अलंकार
छ)    विरोधाभास अलंकार
ज)    दृष्टान्त अलंकार
झ)    विभावना अलंकार
ञ)    भ्रान्तिमान अलंकार
ट)     सन्देह अलंकार
ठ)     व्यतिरेक अलंकार
ड)     असंगति अलंकार
ढ)     प्रतीप अलंकार
ण)    अर्थान्तरन्यास अलंकार
त)     मानवीकरण अलंकार
थ)    वक्रोक्ति अलंकार

द)     अन्योक्ति अलंकार

Wednesday 5 October 2016

मुहावरे और लोकोक्तियाँ idioms and proverbs

मुहावरे और लोकोक्तियाँ  [Idioms and Proverbs.]

मुहावरा - कोई भी ऐसा वाक्यांश जो अपने साधारण अर्थ को छोड़कर किसी विशेष अर्थ को व्यक्त करे उसे मुहावरा कहते हैं।
लोकोक्ति - लोकोक्तियाँ लोक-अनुभव से बनती हैं। किसी समाज ने जो कुछ अपने लंबे अनुभव से सीखा है उसे एक वाक्य में बाँध दिया है। ऐसे वाक्यों को ही लोकोक्ति कहते हैं। इसे कहावतजनश्रुति आदि भी कहते हैं।
मुहावरा और लोकोक्ति में अंतर - मुहावरा वाक्यांश है और इसका स्वतंत्र रूप से प्रयोग नहीं किया जा सकता। लोकोक्ति संपूर्ण वाक्य है और इसका प्रयोग स्वतंत्र रूप से किया जा सकता है। जैसे-होश उड़ जाना’ मुहावरा है। ‘बकरे की माँ कब तक खैर मनाएगी’ लोकोक्ति है।

कुछ प्रचलित मुहावरे  
अंग संबंधी मुहावरे
1. अंग छूटा - (कसम खाना) मैं अंग छूकर कहता हूँ साहबमैने पाजेब नहीं देखी।
2. 
अंग-अंग मुसकाना -(बहुत प्रसन्न होना)- आज उसका अंग-अंग मुसकरा रहा था।
3. 
अंग-अंग टूटना -(सारे बदन में दर्द होना)-इस ज्वर ने तो मेरा अंग-अंग तोड़कर रख दिया।
4. 
अंग-अंग ढीला होना -(बहुत थक जाना)- तुम्हारे साथ कल चलूँगा। आज तो मेरा अंग-अंग ढीला हो रहा है।
अक्ल-संबंधी मुहावरे
1. अक्ल का दुश्मन -(मूर्ख)- वह तो निरा अक्ल का दुश्मन निकला।
2. 
अक्ल चकराना -(कुछ समझ में न आना)-प्रश्न-पत्र देखते ही मेरी अक्ल चकरा गई।
3. 
अक्ल के पीछे लठ लिए फिरना (समझाने पर भी न मानना)- तुम तो सदैव अक्ल के पीछे लठ लिए फिरते हो।
4. 
अक्ल के घोड़े दौड़ाना -(तरह-तरह के विचार करना)- बड़े-बड़े वैज्ञानिकों ने अक्ल के घोड़े दौड़ाएतब कहीं वे अणुबम बना सके।
आँख-संबंधी मुहावरे
1. आँख दिखाना-(गुस्से से देखना)- जो हमें आँख दिखाएगाहम उसकी आँखें फोड़ देगें।
2. 
आँखों में गिरना -(सम्मानरहित होना)- कुरसी की होड़ ने जनता सरकार को जनता की आँखों में गिरा दिया।
3. 
आँखों में धूल झोंकना -(धोखा देना)- शिवाजी मुगल पहरेदारों की आँखों में धूल झोंककर बंदीगृह से बाहर निकल गए।
4. 
आँख चुराना -(छिपना)- आजकल वह मुझसे आँखें चुराता फिरता है।
5. 
आँख मारना -(इशारा करना)-गवाह मेरे भाई का मित्र निकलाउसने उसे आँख मारीअन्यथा वह मेरे विरुद्ध गवाही दे देता।
6. 
आँख तरसना -(देखने के लालायित होना)- तुम्हें देखने के लिए तो मेरी आँखें तरस गई।
7. 
आँख फेर लेना -(प्रतिकूल होना)- उसने आजकल मेरी ओर से आँखें फेर ली हैं।
8. 
आँख बिछाना-(प्रतीक्षा करना)- लोकनायक जयप्रकाश नारायण जिधर जाते थे उधर ही जनता उनके लिए आँखें बिछाए खड़ी होती थी।
9. 
आँखें सेंकना -(सुंदर वस्तु को देखते रहना)- आँख सेंकते रहोगे या कुछ करोगे भी
10. 
आँखें चार होना -(प्रेम होना,आमना-सामना होना)- आँखें चार होते ही वह खिड़की पर से हट गई।
11. 
आँखों का तारा -(अतिप्रिय)-आशीष अपनी माँ की आँखों का तारा है।
12. 
आँख उठाना -(देखने का साहस करना)- अब वह कभी भी मेरे सामने आँख नहीं उठा सकेगा।
13. 
आँख खुलना -(होश आना)- जब संबंधियों ने उसकी सारी संपत्ति हड़प ली तब उसकी आँखें खुलीं।
14. 
आँख लगना -(नींद आना अथवा व्यार होना)- बड़ी मुश्किल से अब उसकी आँख लगी है। आजकल आँख लगते देर नहीं होती।
15. 
आँखों पर परदा पड़ना -(लोभ के कारण सचाई न दीखना)- जो दूसरों को ठगा करते हैंउनकी आँखों पर परदा पड़ा हुआ है। इसका फल उन्हें अवश्य मिलेगा।
16. 
आँखों का काटा -(अप्रिय व्यक्ति)- अपनी कुप्रवृत्तियों के कारण राजन पिताजी की आँखों का काँटा बन गया।
17. 
आँखों में समाना -(दिल में बस जाना)- गिरधर मीरा की आँखों में समा गया।
कलेजा-संबंधी कुछ मुहावरे
1. कलेजे पर हाथ रखना -(अपने दिल से पूछना)- अपने कलेजे पर हाथ रखकर कहो कि क्या तुमने पैन नहीं तोड़ा।
2. 
कलेजा जलना -(तीव्र असंतोष होना)- उसकी बातें सुनकर मेरा कलेजा जल उठा।
3. 
कलेजा ठंडा होना -(संतोष हो जाना)- डाकुओं को पकड़ा हुआ देखकर गाँव वालों का कलेजा ठंढा हो गया।
4. 
कलेजा थामना -(जी कड़ा करना)- अपने एकमात्र युवा पुत्र की मृत्यु पर माता-पिता कलेजा थामकर रह गए।
5. 
कलेजे पर पत्थर रखना -(दुख में भी धीरज रखना)- उस बेचारे की क्या कहते होंउसने तो कलेजे पर पत्थर रख लिया है।
6. 
कलेजे पर साँप लोटना -(ईर्ष्या से जलना)- श्रीराम के राज्याभिषेक का समाचार सुनकर दासी मंथरा के कलेजे पर साँप लोटने लगा।
कान-संबंधी कुछ मुहावरे
1. कान भरना - (चुगली करना)- अपने साथियों के विरुद्ध अध्यापक के कान भरने वाले विद्यार्थी अच्छे नहीं होते।
2. 
कान कतरना -(बहुत चतुर होना)- वह तो अभी से बड़े-बड़ों के कान कतरता है।
3. 
कान का कच्चा -(सुनते ही किसी बात पर विश्वास करना)- जो मालिक कान के कच्चे होते हैं वे भले कर्मचारियों पर भी विश्वास नहीं करते।
4. 
कान पर जूँ तक न रेंगना -(कुछ असर न होना)-माँ ने गौरव को बहुत समझायाकिन्तु उसके कान पर जूँ तक नहीं रेंगी।
5. 
कानोंकान खबर न होना -(बिलकुल पता न चलना)-सोने के ये बिस्कुट ले जाओकिसी को कानोंकान खबर न हो।
नाक-संबंधी कुछ मुहावरे
1. नाक में दम करना -(बहुत तंग करना)- आतंकवादियों ने सरकार की नाक में दम कर रखा है।
2. 
नाक रखना -(मान रखना)- सच पूछो तो उसने सच कहकर मेरी नाक रख ली।
3. 
नाक रगड़ना -(दीनता दिखाना)-गिरहकट ने सिपाही के सामने खूब नाक रगड़ीपर उसने उसे छोड़ा नहीं।
4. 
नाक पर मक्खी न बैठने देना -(अपने पर आँच न आने देना)-कितनी ही मुसीबतें उठाईपर उसने नाक पर मक्खी न बैठने दी।
5. 
नाक कटना -(प्रतिष्ठा नष्ट होना)- अरे भैया आजकल की औलाद तो खानदान की नाक काटकर रख देती है।
मुँह-संबंधी कुछ मुहावरे
1. मुँह की खाना -(हार मानना)-पड़ोसी के घर के मामले में दखल देकर हरद्वारी को मुँह की खानी पड़ी।
2. 
मुँह में पानी भर आना -(दिल ललचाना)- लड्डुओं का नाम सुनते ही पंडितजी के मुँह में पानी भर आया।
3. 
मुँह खून लगना -(रिश्वत लेने की आदत पड़ जाना)- उसके मुँह खून लगा हैबिना लिए वह काम नहीं करेगा।
4. 
मुँह छिपाना -(लज्जित होना)- मुँह छिपाने से काम नहीं बनेगाकुछ करके भी दिखाओ।
5. 
मुँह रखना -(मान रखना)-मैं तुम्हारा मुँह रखने के लिए ही प्रमोद के पास गया थाअन्यथा मुझे क्या आवश्यकता थी।
6. 
मुँहतोड़ जवाब देना -(कड़ा उत्तर देना)- श्याम मुँहतोड़ जवाब सुनकर फिर कुछ नहीं बोला।
7. 
मुँह पर कालिख पोतना -(कलंक लगाना)-बेटा तुम्हारे कुकर्मों ने मेरे मुँह पर कालिख पोत दी है।
8. 
मुँह उतरना -(उदास होना)-आज तुम्हारा मुँह क्यों उतरा हुआ है।
9. 
मुँह ताकना -(दूसरे पर आश्रित होना)-अब गेहूँ के लिए हमें अमेरिका का मुँह नहीं ताकना पड़ेगा।
10. 
मुँह बंद करना -(चुप कर देना)-आजकल रिश्वत ने बड़े-बड़े अफसरों का मुँह बंद कर रखा है।
दाँत-संबंधी मुहावरे
1. दाँत पीसना -(बहुत ज्यादा गुस्सा करना)- भला मुझ पर दाँत क्यों पीसते होशीशा तो शंकर ने तोड़ा है।
2. 
दाँत खट्टे करना -(बुरी तरह हराना)- भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तानी सैनिकों के दाँत खट्टे कर दिए।
3. 
दाँत काटी रोटी -(घनिष्ठतापक्की मित्रता)- कभी राम और श्याम में दाँत काटी रोटी थी पर आज एक-दूसरे के जानी दुश्मन है।
 गरदन-संबंधी मुहावरे
1. गरदन झुकाना -(लज्जित होना)- मेरा सामना होते ही उसकी गरदन झुक गई।
2. 
गरदन पर सवार होना -(पीछे पड़ना)- मेरी गरदन पर सवार होने से तुम्हारा काम नहीं बनने वाला है।
3. 
गरदन पर छुरी फेरना -(अत्याचार करना)-उस बेचारे की गरदन पर छुरी फेरते तुम्हें शरम नहीं आतीभगवान इसके लिए तुम्हें कभी क्षमा नहीं करेंगे।
गले -संबंधी मुहावरे
1. गला घोंटना -(अत्याचार करना)- जो सरकार गरीबों का गला घोंटती है वह देर तक नहीं टिक सकती।
2. 
गला फँसाना -(बंधन में पड़ना)- दूसरों के मामले में गला फँसाने से कुछ हाथ नहीं आएगा।
3. 
गले मढ़ना -(जबरदस्ती किसी को कोई काम सौंपना)- इस बुद्धू को मेरे गले मढ़कर लालाजी ने तो मुझे तंग कर डाला है।
4. 
गले का हार -(बहुत प्यारा)- तुम तो उसके गले का हार होभला वह तुम्हारे काम को क्यों मना करने लगा।
सिर-संबंधी मुहावरे
1. सिर पर भूत सवार होना -(धुन लगाना)-तुम्हारे सिर पर तो हर समय भूत सवार रहता है।
2. 
सिर पर मौत खेलना -(मृत्यु समीप होना)- विभीषण ने रावण को संबोधित करते हुए कहा, ‘भैया ! मुझे क्या डरा रहे हो ? तुम्हारे सिर पर तो मौत खेल रही है
3. 
सिर पर खून सवार होना -(मरने-मारने को तैयार होना)- अरेबदमाश की क्या बात करते हो ? उसके सिर पर तो हर समय खून सवार रहता है।
4. 
सिर-धड़ की बाजी लगाना -(प्राणों की भी परवाह न करना)- भारतीय वीर देश की रक्षा के लिए सिर-धड़ की बाजी लगा देते हैं।
5. 
सिर नीचा करना -(लजा जाना)-मुझे देखते ही उसने सिर नीचा कर लिया।
हाथ-संबंधी मुहावरे
1. हाथ खाली होना -(रुपया-पैसा न होना)- जुआ खेलने के कारण राजा नल का हाथ खाली हो गया था।
2. 
हाथ खींचना -(साथ न देना)-मुसीबत के समय नकली मित्र हाथ खींच लेते हैं।
3. 
हाथ पे हाथ धरकर बैठना -(निकम्मा होना)- उद्यमी कभी भी हाथ पर हाथ धरकर नहीं बैठते हैंवे तो कुछ करके ही दिखाते हैं।
4. 
हाथों के तोते उड़ना -(दुख से हैरान होना)- भाई के निधन का समाचार पाते ही उसके हाथों के तोते उड़ गए।
5. 
हाथोंहाथ -(बहुत जल्दी)-यह काम हाथोंहाथ हो जाना चाहिए।
6. 
हाथ मलते रह जाना -(पछताना)- जो बिना सोचे-समझे काम शुरू करते है वे अंत में हाथ मलते रह जाते हैं।
7. 
हाथ साफ करना -(चुरा लेना)- ओह ! किसी ने मेरी जेब पर हाथ साफ कर दिया।
8. 
हाथ-पाँव मारना -(प्रयास करना)- हाथ-पाँव मारने वाला व्यक्ति अंत में अवश्य सफलता प्राप्त करता है।
9. 
हाथ डालना -(शुरू करना)- किसी भी काम में हाथ डालने से पूर्व उसके अच्छे या बुरे फल पर विचार कर लेना चाहिए।
हवा-संबंधी मुहावरे
1. हवा लगना -(असर पड़ना)-आजकल भारतीयों को भी पश्चिम की हवा लग चुकी है।
2
हवा से बातें करना -(बहुत तेज दौड़ना)- राणा प्रताप ने ज्यों ही लगाम हिलाईचेतक हवा से बातें करने लगा।
3
हवाई किले बनाना -(झूठी कल्पनाएँ करना)- हवाई किले ही बनाते रहोगे या कुछ करोगे भी ?
4. 
हवा हो जाना -(गायब हो जाना)- देखते-ही-देखते मेरी साइकिल न जाने कहाँ हवा हो गई ?
 पानी-संबंधी मुहावरे
1. पानी-पानी होना -(लज्जित होना)-ज्योंही सोहन ने माताजी के पर्स में हाथ डाला कि ऊपर से माताजी आ गई। बसउन्हें देखते ही वह पानी-पानी हो गया।
2. 
पानी में आग लगाना -(शांति भंग कर देना)-तुमने तो सदा पानी में आग लगाने का ही काम किया है।
3. 
पानी फेर देना -(निराश कर देना)-उसने तो मेरी आशाओं पर पानी पेर दिया।
4. 
पानी भरना-(तुच्छ लगना)-तुमने तो जीवन-भर पानी ही भरा है।

कुछ मिले-जुले मुहावरे
1. अँगूठा दिखाना -(देने से साफ इनकार कर देना)-सेठ रामलाल ने धर्मशाला के लिए पाँच हजार रुपए दान देने को कहा थाकिन्तु जब मैनेजर उनसे मांगने गया तो उन्होंने अँगूठा दिखा दिया।
2. 
अगर-मगर करना -(टालमटोल करना)-अगर-मगर करने से अब काम चलने वाला नहीं है।बंधु !
3. 
अंगारे बरसाना -(अत्यंत गुस्से से देखना)-अभिमन्यु वध की सूचना पाते ही अर्जुन के नेत्र अंगारे बरसाने लगे।
4. 
आड़े हाथों लेना -(अच्छी तरह काबू करना)-श्रीकृष्ण ने कंस को आड़े हाथों लिया।
5. 
आकाश से बातें करना-(बहुत ऊँचा होना)-टी.वी.टावर तो आकाश से बाते करती है।
6. 
ईद का चाँद -(बहुत कम दीखना)-मित्र आजकल तो तुम ईद का चाँद हो गए होकहाँ रहते हो ?
7
उँगली पर नचाना-(वश में करना)-आजकल की औरतें अपने पतियों को उँगलियों पर नचाती हैं।
8. 
कलई खुलना -(रहस्य प्रकट हो जाना)-उसने तो तुम्हारी कलई खोलकर रख दी।
9. 
काम तमाम करना -(मार देना)- रानी लक्ष्मीबाई ने पीछा करने वाले दोनों अंग्रेजों का काम तमाम कर दिया।
10. 
कुत्ते की मौत करना -(बुरी तरह से मरना)-राष्ट्रद्रोही सदा कुत्ते की मौत मरते हैं।
11. 
कोल्हू का बैल -(निरंतर काम में लगे रहना)-कोल्हू का बैल बनकर भी लोग आज भरपेट भोजन नहीं पा सकते।
12. 
खाक छानना -(दर-दर भटकना)-खाक छानने से तो अच्छा है एक जगह जमकर काम करो।
13
गड़े मुरदे उखाड़ना -(पिछली बातों को याद करना)-गड़े मुरदे उखाड़ने से तो अच्छा है कि अब हम चुप हो जाएँ।
14. 
गुलछर्रे उड़ाना -(मौज करना)-आजकल तुम तो दूसरे के माल पर गुलछर्रे उड़ा रहे हो।
15. 
घास खोदना -(फुजूल समय बिताना)-सारी उम्र तुमने घास ही खोदी है।
16. 
चंपत होना -(भाग जाना)-चोर पुलिस को देखते ही चंपत हो गए।
17. 
चौकड़ी भरना -(छलाँगे लगाना)-हिरन चौकड़ी भरते हुए कहीं से कहीं जा पहुँचे।
18. 
छक्के छुडा़ना -(बुरी तरह पराजित करना)-पृथ्वीराज चौहान ने मुहम्मद गोरी के छक्के छुड़ा दिए।
19. 
टका-सा जवाब देना -(कोरा उत्तर देना)-आशा थी कि कहीं वह मेरी जीविका का प्रबंध कर देगापर उसने तो देखते ही टका-सा जवाब दे दिया।
20. 
टोपी उछालना -(अपमानित करना)-मेरी टोपी उछालने से उसे क्या मिलेगा?
21. 
तलवे चाटने - (खुशामद करना)-तलवे चाटकर नौकरी करने से तो कहीं डूब मरना अच्छा है।
22. 
थाली का बैंगन -(अस्थिर विचार वाला)- जो लोग थाली के बैगन होते हैंवे किसी के सच्चे मित्र नहीं होते।
23
दाने-दाने को तरसना-(अत्यंत गरीब होना)-बचपन में मैं दाने-दाने को तरसता फिराआज ईश्वर की कृपा है।
24. 
दौड़-धूप करना-(कठोर श्रम करना)-आज के युग में दौड़-धूप करने से ही कुछ काम बन पाता है।
25. 
धज्जियाँ उड़ाना-(नष्ट-भ्रष्ट करना)-यदि कोई भी राष्ट्र हमारी स्वतंत्रता को हड़पना चाहेगा तो हम उसकी धज्जियाँ उड़ा देंगे।
26. 
नमक-मिर्च लगाना-(बढ़ा-चढ़ाकर कहना)-आजकल समाचारपत्र किसी भी बात को इस प्रकार नमक-मिर्च लगाकर लिखते हैं कि जनसाधारण उस पर विश्वास करने लग जाता है।
27. 
नौ-दो ग्यारह होना-(भाग जाना)- बिल्ली को देखते ही चूहे नौ-दो ग्यारह हो गए। 28. फूँक-फूँककर कदम रखना-(सोच-समझकर कदम बढ़ाना)-जवानी में फूँक-फूँककर कदम रखना चाहिए।
29. 
बाल-बाल बचना-(बड़ी कठिनाई से बचना)-गाड़ी की टक्कर होने पर मेरा मित्र बाल-बाल बच गया।
30. 
भाड़ झोंकना-(योंही समय बिताना)-दिल्ली में आकर भी तुमने तीस साल तक भाड़ ही झोंका है।
31. 
मक्खियाँ मारना-(निकम्मे रहकर समय बिताना)-यह समय मक्खियाँ मारने का नहीं हैघर का कुछ काम-काज ही कर लो।
32. 
माथा ठनकना-(संदेह होना)- सिंह के पंजों के निशान रेत पर देखते ही गीदड़ का माथा ठनक गया।
33. 
मिट्टी खराब करना-(बुरा हाल करना)-आजकल के नौजवानों ने बूढ़ों की मिट्टी खराब कर रखी है।
34. 
रंग उड़ाना-(घबरा जाना)-काले नाग को देखते ही मेरा रंग उड़ गया।
35
रफूचक्कर होना-(भाग जाना)-पुलिस को देखते ही बदमाश रफूचक्कर हो गए।
36. 
लोहे के चने चबाना-(बहुत कठिनाई से सामना करना)- मुगल सम्राट अकबर को राणाप्रताप के साथ टक्कर लेते समय लोहे के चने चबाने पड़े।
37. 
विष उगलना-(बुरा-भला कहना)-दुर्योधन को गांडीव धनुष का अपमान करते देख अर्जुन विष उगलने लगा।
38. 
श्रीगणेश करना-(शुरू करना)-आज बृहस्पतिवार हैनए वर्ष की पढाई का श्रीगणेश कर लो।
39
हजामत बनाना-(ठगना)-ये हिप्पी न जाने कितने भारतीयों की हजामत बना चुके हैं।
40. 
शैतान के कान कतरना-(बहुत चालाक होना)-तुम तो शैतान के भी कान कतरने वाले होबेचारे रामनाथ की तुम्हारे सामने बिसात ही क्या है ?
41. 
राई का पहाड़ बनाना-(छोटी-सी बात को बहुत बढ़ा देना)- तनिक-सी बात के लिए तुमने राई का पहाड़ बना दिया।