Wednesday, 5 October 2016

क्रिया-विशेषण [adverb]

क्रिया-विशेषण - जो शब्द क्रिया की विशेषता प्रकट करते हैं वे क्रिया-विशेषण कहलाते हैं। जैसे- 1.सोहन सुंदर लिखता है। 2.गौरव यहाँ रहता है। 3.संगीता प्रतिदिन पढ़ती है। इन वाक्यों में ‘सुन्दर’, ‘यहाँ’ और ‘प्रतिदिन’ शब्द क्रिया की विशेषता बतला रहे हैं। अतः ये शब्द क्रिया-विशेषण हैं।
अर्थानुसार क्रिया-विशेषण के निम्नलिखित चार भेद हैं-
1. कालवाचक क्रिया-विशेषण।
2. स्थानवाचक क्रिया-विशेषण।
3. परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण।
4. रीतिवाचक क्रिया-विशेषण।
1.कालवाचक क्रिया-विशेषण - जिस क्रिया-विशेषण शब्द से कार्य के होने का समय ज्ञात हो वह कालवाचक क्रिया-विशेषण कहलाता है। इसमें बहुधा ये शब्द प्रयोग में आते हैं- यदाकदाजबतबहमेशातभीतत्कालनिरंतरशीघ्रपूर्वबादपीछेघड़ी-घड़ीअबतत्पश्चात्तदनंतरकलकई बारअभी फिर कभी आदि।
2.स्थानवाचक क्रिया-विशेषण- जिस क्रिया-विशेषण शब्द द्वारा क्रिया के होने के स्थान का बोध हो वह स्थानवाचक क्रिया-विशेषण कहलाता है। इसमें बहुधा ये शब्द प्रयोग में आते हैं- भीतरबाहरअंदरयहाँवहाँकिधरउधरइधरकहाँजहाँपासदूरअन्यत्रइस ओरउस ओरदाएँबाएँऊपरनीचे आदि।
3.परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण -जो शब्द क्रिया का परिमाण बतलाते हैं वे ‘परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण’ कहलाते हैं। इसमें बहुधा थोड़ा-थोड़ाअत्यंतअधिकअल्पबहुतकुछपर्याप्तप्रभूतकमन्यूनबूँद-बूँदस्वल्पकेवलप्रायः अनुमानतःसर्वथा आदि शब्द प्रयोग में आते हैं।
कुछ शब्दों का प्रयोग परिमाणवाचक विशेषण और परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण दोनों में समान रूप से किया जाता है। जैसे-थोड़ाकमकुछ काफी आदि।
4.रीतिवाचक क्रिया-विशेषण - जिन शब्दों के द्वारा क्रिया के संपन्न होने की रीति का बोध होता है वे ‘रीतिवाचक क्रिया-विशेषण’ कहलाते हैं। इनमें बहुधा ये शब्द प्रयोग में आते हैं- अचानकसहसाएकाएकझटपटआप हीध्यानपूर्वकधड़ाधड़यथातथाठीकसचमुचअवश्यवास्तव मेंनिस्संदेहबेशकशायदसंभव हैंकदाचित्बहुत करकेहाँठीकसचजीजरूरअतएवकिसलिएक्योंकिनहींमतकभी नहींकदापि नहीं आदि।

No comments:

Post a Comment